जानिए उज्जैन के पवित्र राम जानकी मंदिर की कथा, धार्मिक विशेषताएं, दर्शन समय और वहाँ पहुँचने की सम्पूर्ण जानकारी।
उज्जैन का राम जानकी मंदिर भगवान राम और माता सीता को समर्पित एक पवित्र स्थान है। यह मंदिर अपनी शांत वातावरण, सुंदर बनावट और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। इस लेख में आप जानेंगे मंदिर का इतिहास, इसकी खासियतें, दर्शन का समय और यहां क्यों ज़रूर जाना चाहिए।
राम जानकी मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में स्थित है। यह मंदिर मंगलनाथ रोड पर अंकपात चौराहे के पास स्थित है। शहर के बीचों-बीच स्थित यह मंदिर उज्जैन के प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। समय-समय पर मंदिर का सौंदर्यीकरण कराया गया है। मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम, माता सीता और भाई लक्ष्मण की मनोहारी मूर्तियां स्थापित हैं। राम दरबार के दर्शन हेतु देश-प्रदेश से श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां आते हैं।
धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित यह मंदिर दशकों पुराना माना जाता है। इसका संचालन मीना समाज धर्मशाला द्वारा किया जाता है। यह मंदिर प्रभु श्रीराम की भक्ति का केंद्र है, जहां भक्त भजन-कीर्तन के माध्यम से आत्मिक शांति की अनुभूति करते हैं। यह मंदिर सतत रूप से भक्तों की आस्था का प्रतीक बना हुआ है।
मान्यता है कि जो श्रद्धालु नियमपूर्वक पूरे विधि-विधान से इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं, उनके जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की वृद्धि होती है। सच्ची श्रद्धा से प्रभु श्रीराम की आराधना करने वाले भक्तों की इच्छाएं पूर्ण होती हैं। यहां राम चालीसा का पाठ करने से पारिवारिक रिश्तों में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
मंदिर का एक भव्य प्रवेश द्वार है जो मुख्य परिसर की ओर ले जाता है। गर्भगृह में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की भव्य मूर्तियां स्थापित हैं। परिसर में भगवान शिव और माता दुर्गा की मूर्तियां भी स्थापित हैं। मंदिर की वास्तुकला में पारंपरिक भारतीय शैली के साथ आधुनिक निर्माण की झलक मिलती है, जिससे इसका वातावरण भक्तिपूर्ण और शांति प्रदान करने वाला बनता है।
मंदिर का प्रसाद
भक्त यहां फल और बूंदी के लड्डू का भोग अर्पित करते हैं। कुछ श्रद्धालु पूड़ी-सब्जी का भी भोग लगाते हैं। भक्तजन अपनी श्रद्धा के अनुसार प्रसाद अर्पित कर मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।
निकटतम हवाई अड्डा
देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा (इंदौर), मंदिर से लगभग 58 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से बस या ऑटो द्वारा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
रेलवे स्टेशन
उज्जैन रेलवे स्टेशन, मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। स्टेशन से मंदिर तक पहुंचने के लिए बस या ऑटो आसानी से उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग
मंदिर उज्जैन के मालीपुर बस स्टैंड से लगभग 3.5 किलोमीटर की दूरी पर है। मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों से उज्जैन के लिए नियमित राज्य परिवहन एवं निजी बस सेवाएं उपलब्ध हैं। निजी वाहन या टैक्सी से भी मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
Did you like this article?
उज्जैन स्थित गढ़कालिका मंदिर देवी कालिका को समर्पित एक शक्तिपीठ माना जाता है। जानिए इस मंदिर का पौराणिक इतिहास, कवि कालिदास से जुड़ी मान्यता, धार्मिक महत्व, दर्शन और आरती का समय तथा वहाँ पहुँचने की सम्पूर्ण जानकारी।
प्रयागराज के पड़िला गांव में स्थित पड़िला महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन तीर्थ स्थल है। जानिए इस मंदिर का पौराणिक इतिहास, धार्मिक मान्यताएं, दर्शन व पूजा का समय और वहाँ तक पहुँचने की सम्पूर्ण जानकारी।
वृन्दावन के प्राचीन मदन मोहन मंदिर का इतिहास, श्रीकृष्ण भक्ति में इसका महत्व, मंदिर की स्थापत्य विशेषताएं, दर्शन व आरती समय और वहाँ पहुँचने की सम्पूर्ण जानकारी जानिए। यह मंदिर वैष्णव परंपरा का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।